मेरी मोहब्बत की हद ना तय कर पाओगे तुम,
कौन कहता है कि मुसाफिर ज़ख़्मी नहीं होते,
रास्ते गवाह है बस गवाही नहीं देते...
क्या क्या रंग दिखाती है जिंदगी क्या खूब इक्तेफ़ाक होता है,
प्यार में ऊम्र नही होती पर हर ऊम्र में प्यार होता है...
प्यार करना सिखा है,नफरतो का कोई ठौर नही,
बस तु ही तु है इस दिल मे,दूसरा कोई और नही...
वो लाख तुझे पूजती होगी,
मगर तू खुश न हो ए खुदा,
मगर तू खुश न हो ए खुदा,
वो पगली मन्दिर भी जाती है,
तो बस मेरी गली से गुजरने के लिए...
तो बस मेरी गली से गुजरने के लिए...
मै जिंदगी गिरवी रख दुंगा,
तु सीर्फ किमत बता मुस्कुराने की...
जिंदगी जिने के लिए नजरो की नहि,
नजारों की जरुरत होति है...
तेरी यादोँ के‘नशे’मेँ,
अब‘चूर’हो रहा हूँ,
अब‘चूर’हो रहा हूँ,
लिखता हूँ‘तुम्हेँ’और,
‘मशहूर’हो रहा हूँ...
‘मशहूर’हो रहा हूँ...
एक तो सुकुन और एक तुम,
कहाँ रहते हो आजकल मिलते ही नही...
छेड़ने लगीं सहेलियां उसकी,
उसको मुजसे मिलने के बाद,
उसको मुजसे मिलने के बाद,
कि रंग क्यों बदला है तेरे होठों का उसको मिलने के बाद...
दिल तो हर किसी के पास होता हैँ,
लेकिन सब दिलवाले नहीँ होते...
अंग्रेजी की किताब बन गए हो तुम,
पसंद तो बहुत आते हो पर समझ नहीं आते...
लोग कहते हैं कि मेरी पसंद खराब है,
लेकिन फिर भी मैं तुम्हें पसंद करता हूं...
दुनिया में सिर्फ दिल ही है जो बिना आराम किये काम करता है,
इसलिए उसे खुश रखो चाहे वो अपना हो या अपनों का...
क्या ऐसा नहीं हो सकता हम प्यार मांगे,
और तुम गले लगा के कहो, ' और कुछ ' ?
मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मजबूत रखना,
जरा से भी चुके तो महोब्बत हो जायेगी...
छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर
ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नही...
होंठ तो मेरे है,पर मुस्कान तुम्हारी क्यों हे,
लब्ज़ तो मेरे हे,फिर उन पर बातें तुम्हारी क्यों हे ?
लगता है इक बार फिर मोहब्बत
हो ही जाएगी,
रात फिर खाव्ब में खुद को मरते देखा है...
धड़कनों को भी रास्ता दे दीजिये हुजूर,
आप तो पूरे दिल पर कब्जा किये बैठे है...
कोई मुक़दमा ही कर दो हमारे सनम पर,
कम से कम हर पेशी पर दीदार तो हो जायेगा...
अपनी मुस्कुराहट को जरा काबू में रखिए,
दिल ए नादान कहीं इस पे शहीद ना हो जाए...
फिर ग़लतफैमियो में डाल दिया..
जाते हुए मुस्कुराना ज़रूरी था ?
सुना है तुम ज़िद्दी बहुत हो,
मुझे भी अपनी जिद्द बना लो...
तेज बारिश मेँ खड़ा रहा मैँ,
बस एक शब्द सुनने को,
बस एक शब्द सुनने को,
वो कह दे…..
इधर आओ पागल भीग जाओगे...
इधर आओ पागल भीग जाओगे...
दोस्तों जशन की तैयारी करो पगली ने,
आज प्यार का इजहार कर दिया...
मेरी ज़िन्दगी के “तालिबान” हो तुम
बेमक़सद तबाही मचा रखी है...
जरा सी जगह छोड देना अपनी नीदो मै, क्योकि
आज रात तेरे ख्बाबो मै हमारा बसेरा होगा...
अगर बात ख्याल की करे तो बस इतना कहेगे,
तुम से जुड़ा हो तो हसीन और तुम्हारा हो तो बेहतरीन...
इतनी मनमानीयां भी अच्छी नही होती,
तुम सिर्फ अपने ही नहीं मेरे भी हो...
वो शख्स रहेता है हर वक्त मेरे खयालों में इस तरह,
कि अब किसी और के ख्वाब देखने की जरुरत नहीं मुझे...
एक तो सुकुन और एक तुम,
कहाँ रहते हो आजकल मिलते ही नही...
ज़िन्दगी बहुत ख़ूबसूरत है,
सब कहते थे,
सब कहते थे,
जिस दिन तुझे देखा,
यकीन भी हो गया।
यकीन भी हो गया।
मैंने तो देखा था बस एक नजर के खातिर,
क्या खबर थी की रग रग में समां जाओगे तुम...
काश की उसको हम बचपन मे ही मांग लेते,
क्योंकि बचपन में
हर चीज मिल जाती थी तब दो आँसू बहाने से...